पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् श्रीकृष्ण
“पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् श्रीकृष्ण की कहानियाँ ” पुस्तक श्रीमदभगवत के दसवें स्कन्द “लीला पुरुषोत्तम भगवान् श्रीकृष्ण “के ऊपर आधारित हैं। यह भगवान् श्रीकृष्ण की लीलाओ का सर्वाधिक अधिकृत वर्णन हैं। यह चार भाग में विभारजित पुस्तक मधुर कृष्णकथाओ तथा सुन्दर चित्रों से भरी हैं। भगवान् श्रीकृष्ण के अवतरण, पूतना वध, दामोदर लीलाये , वत्सासुर, अघासुर और बकासुर वध, कालियामर्दन, गोपी वस्त्र हरण, गोवेर्धन लीला, अद्भुत दिव्य रासनित्र्य लीला, विघासुर मोक्ष तथा शंखचूड़ वध , गोपियों की प्रेम वियोग लीला, केसी असुर व्योमासुर वध , श्री कृष्ण की मथुरा भ्रमण और वृन्दावन प्रस्थान लीला, अत्याचारी राजा कंस का वध, श्रीकृष्ण द्वारा आपने माता पिता की उद्धार लीला, श्रीकृष्ण द्वारा उनके गुरु पुत्र की वापसी लीला, उद्धव की वृन्दावन यात्रा, उद्धव द्वारा गोपियों को श्रीकृष्ण का सन्देश , श्रीकृष्ण की द्वारका निर्माण लीला , रणछोड़ लीला, माता रुक्मिणी का पत्र तथा उनकी अपरहण , श्री कृष्ण रुक्मिणी विवाह लीला, श्यामांतक मणि की कथा, श्रीकृष्ण और रुक्मिणी माता के मध्य की वार्तालाप, श्री कृष्ण का अन्य रानियों से विवाह, महर्षि नारद का भगवान् के विभिन्न घरो पर भेट लीला, श्रीकृष्ण के पुत्र सम्भ के विषय में वर्णन तथा उनका विवाह, पौंड्रक लीला, भगवन श्री बलराम की वृन्दावन यात्रा , द्वारका के राजा श्रीकृष्ण, राजा जरासंध की मुक्ति, शिशुपाल का उद्धार, सुभद्रा हरण, सूर्यग्रहण, श्रीकृष्ण की रानियों के साथ द्रौपदी के मिलन का वर्णन और अनन्य भगवान् श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओ का संछिप्त में विवरण को यह पुस्तिका प्रस्तुत करती है। भगवान श्रीकृष्ण की अद्भुत लीलाओ का अमृतपान करने वाली यह पुस्तिका भगवान् श्रीकृष्ण की लीलाओ के दृश्यों को सुन्दर कथाओ के रूप में चित्रित करती हैं। यह पुस्तिका सभी को भगवान् श्रीकृष्ण की लीलाओं का अद्भुत चित्र को प्रस्तुत करेगी और सभी जीवात्माओ के रक्षक तथा पालनकर्ता पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा का पोषण करेगी।
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