भगवद्गीता की मूलभूत शिक्षाएं
पांचसो साल पूर्व जब एक ही वंश के परिवार में बड़ेपिता और चाचा के पुत्रो में लड़ाई चिढ़ी व युद्ध हुआ तब इस भगवद गीता को एक प्रासंगिक व महत्वपूर्ण विचार संवाद रूप में बताया गया। भगवद गीत याने वह गीत जो स्वयं भगवान ने गाया हो । अधिकांश लोगो के समझने के लिए यह एक रहस्यमय पाठ बनी हुई है की पाठको को वक्ता से दूर ले जाया जाता। भगवद गीता निसंदेह दुनिया के सबसे महान अधयत्मिक ग्रंथो में से एक है।
लेकिन कृष्ण कथन के बजाय , हम अक्सर बॉलीवुड के आधुनिक प्रभाव और प्रतिनिधत्व से ब्रह्मित हो जाते है। जब कृष्ण कहते है, में ही सर्वोच्य पूजनीय वास्तु हु तो उसे हम बिना किसी संकोच के स्वीकार लेते ह। हम कथन की थोक उसी अर्थ में लेते है जो यह कहता हो की कृष्ण सर्वोच्य है । यह पुस्तक उन लोगो के लिए मार्गदर्शिका है जो भगवद गीता को समझने का प्रयास कर रहे या करना चाहते है । जो ईश्वर , सृष्टि , कर्मा के नियम , भौतिक प्रकृति , और समय आदि के विषयो के बारे में समझना चाहते है। क्युकी कभी-कभी ऐसे विशाल साहित्य को पड़ना मुश्किल हो जाता है, यह पुस्तक ने विषय गाठ दृष्टिकोण को अपनाया है जिस से की वैचारिक चिंता दूर हो सके । किसी भी पुस्तक को हम उसके लेखक के दृष्टिकोण से बेहतर समझ सकते है । शिष्य का कर्तव्य है की वह लेखक की विचारधारा को रख कर रखे और न की अपनी विचार धाराओं को डाले । इस प्रकार श्रील प्रभुपाद ने बिना किसी व्याख्या के शाब्दिक अर्थ को समझने के महत्व को इंगित करने के लिए भगवद गीता की टिपण्णी को लिखा और नाम दिया। जब हम अनुमान लगाने के बजाय एक प्रत्यक्षय दृष्टिकोण के साथ सही दिशा में प्रयास करते है तो , हम एक निष्कर्ष पे आ सकते है की भगवान को क्या बताना था बजाय इसके की भगवान कृष्ण ने एक बार ऐसा कहा था वैसा कहा था । इस दुनिया में प्रकृति हर पल भगवान की सर्वोच्च महिमा बोल रही है , जिसे समझने के लिए हमे उचित कानो तथा आखों की ज़रूरत है। यह पुस्तक उन बुद्धिमानो के लिए है जो भगवान की सर्वोच्चता को समझना चाहते है और उनकी रचना को सभी कारणों का कारण समझना चाहते है । यह पुस्तक विषय को यथासंभव सरल लेकिन स्पष्ट और सारगर्भित बनाने का एक विनम्र प्रयास है। हमे उम्मीद है की आप इसे अधयत्मिक सफलता और ख़ुशी की अपनी यात्रा में उपयोगी पायेगे। अंत में इस पुस्तक में संस्कृत उच्चारण के लिए एक मार्गदर्शिका भी है। हम आपको आपकी इस रोमांचिक यात्रा पार शुबकामनाएं देते है ।
Arun Sharma –
This book is having nectar of Shri Mad Bhagwat Gita Ji, even having great learning via some other shloka’s coming from other Upnishad & Puraanas. Great eye opener & very intellectual way to explain very different points, Will surely provide you a different points of view.